226. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए -रामस्नेही सम्प्रदाय की शाखा प्रवर्तकअ. सिंहथल 1. सन्त रामचरणब. रेण 2. सन्त हरिराम दासस. खेड़ापा 3. सन्त रामदासद. शाहपुरा 4. सन्त दरियावअ, ब, स, द
- A. 2, 4, 3, 1
- B. 1, 3, 2, 4
- C. 1, 2, 3, 4
- D. 3, 1, 4, 2
Answer: रामस्नेही सम्प्रदाय की शाखाओं और उनके प्रवर्तकों का सही मिलान है: सिंहथल - संत हरिराम दास, रैण - संत दरियाव, खेड़ापा - संत रामदास, शाहपुरा - संत रामचरण।
227. निम्नलिखित में से कौन - सा युग्म सही सुमेलित नहीं है -
- A. संत रामचरण जी - शाहपुरा
- B. संत हरि रामदास जी - सिंहथल
- C. संत दरियाव जी - रेवासा
- D. संत रामदास जी - खेड़ापा
Answer: यह युग्म गलत है। संत दरियाव जी ने रामस्नेही सम्प्रदाय की 'रैण' (नागौर) शाखा की स्थापना की थी, रेवासा की नहीं। अन्य सभी सही हैं।
228. नागौर किस सूफी संत की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है-
- A. हमीमुद्दीन
- B. निजामुद्दीन औलिया
- C. ख्याजा सलीम चिश्ती
- D. ख्याजा मोईनुद्दीन चिश्ती
Answer: नागौर सूफी संत हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें 'सुल्तान-ए-तारिकिन' भी कहा जाता है।
229. ‘अलखिया सम्प्रदाय’ की स्थापना किसने की-
- A. लाल गिरी
- B. भोला नाथ
- C. चरण दास
- D. संत दास जी
Answer: अलखिया सम्प्रदाय, जो एक निर्गुणी भक्ति परंपरा है, की स्थापना स्वामी लालगिरी जी ने की थी।
230. निम्न में से ‘देश-दर्पण’ की रचना किसने की थी -
- A. नरोत्तम स्वामी
- B. दयालदास
- C. मुहणोत नैणसी
- D. बांकीदास
Answer: 'देश दर्पण' एक ऐतिहासिक ग्रंथ है जिसकी रचना चारण कवि दयालदास सिढायच ने की थी।
231. संत जाम्भोजी को समाधिस्थ किया गया था -
- A. मुकाम में
- B. पीपासर में
- C. लालसर में
- D. जागूल में
Answer: विश्नोई सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल मुकाम (बीकानेर) में है, जहाँ संत जांभोजी की समाधि स्थित है।
232. वैष्णव सम्प्रदाय के पुष्ठिमार्ग से सम्बंधित केन्द्रों को चिन्हित कीजिये-1. नाथद्वारा2. कांकरौली3. सलेमाबाद4. गलतासही कूट को चुनिए -
- A. 1 व 4
- B. 2 व 3
- C. 1 व 2
- D. 3 व 4
Answer: नाथद्वारा (श्रीनाथजी) और कांकरौली (द्वारिकाधीशजी) वैष्णव धर्म के पुष्टिमार्ग (वल्लभ सम्प्रदाय) के प्रमुख केंद्र हैं। सलेमाबाद निम्बार्क और गलता रामानंदी सम्प्रदाय से संबंधित हैं।
233. रामस्नेही सम्प्रदाय के संस्थापक संत रामचरण कहां पैदा हुए -
- A. सोड़ा-डिग्गी
- B. शाहपुरा-भीलवाड़ा
- C. नगलू-भरतपुर
- D. मुकाम-बीकानेर
Answer: रामस्नेही सम्प्रदाय की शाहपुरा शाखा के संस्थापक संत रामचरण जी का जन्म टोंक जिले के सोड़ा गाँव में हुआ था।
234. रेण का संबंध है -
- A. लालदासी संप्रदाय से
- B. विश्नोई संप्रदाय से
- C. रामस्नेही संप्रदाय से
- D. मीरादासी संप्रदाय से
Answer: नागौर में स्थित रैण, रामस्नेही सम्प्रदाय की एक प्रमुख पीठ है, जिसकी स्थापना संत दरियावजी ने की थी।
235. निम्नलिखित में से कौन सा सुमेलित नहीं है -(संप्रदाय) (संत)
- A. निष्कलंक - मावजी
- B. निरंजनी - हरिदास जी
- C. गूदड़ - नवलदास जी
- D. अलखिया - लाल गिरी जी
Answer: यह युग्म गलत है। गूदड़ सम्प्रदाय की स्थापना संतदास जी ने की थी, न कि नवलदास जी ने। अन्य सभी विकल्प सही हैं।
236. संत मावजी का संबंध है -
- A. डूंगरपुर
- B. जोधपुर
- C. बीकानेर
- D. अलवर
Answer: संत मावजी का जन्म, कर्मस्थली और मुख्य पीठ डूंगरपुर जिले के साबला गाँव में है, इसलिए उनका संबंध डूंगरपुर से है।
237. जसनाथी सम्प्रदाय री प्रधान पीठ कठीनै है -
- A. मुकामं तालवा
- B. पीपासर
- C. सिंगरासर
- D. कतरियासर
Answer: जसनाथी सम्प्रदाय की प्रधान पीठ (मुख्य केंद्र) बीकानेर जिले के कतरियासर गाँव में स्थित है।
238. निम्न में से कौन दादू पंथ की शाखाओं में सम्मिलित नहीं है -
- A. विरक्त
- B. खाकी
- C. गौड़ीय
- D. नागा
Answer: गौड़ीय सम्प्रदाय चैतन्य महाप्रभु से संबंधित एक वैष्णव परंपरा है, यह दादू पंथ की शाखा नहीं है। विरक्त, खाकी और नागा दादू पंथ की शाखाएं हैं।
239. जोधपुर में महामन्दिर राजस्थान के किस संप्रदाय की प्रमुख गद्दी है -
- A. दादू पंथ
- B. कथोर पंथ
- C. रामानुज संप्रदाय
- D. नाथ पंथ
Answer: जोधपुर का महामंदिर नाथ पंथ (शैव सम्प्रदाय) की प्रमुख गद्दी और एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
240. दादू के देहान्त के पश्चात नारायण दादू पंथ की किस उपशाखा का मुख्य स्थान रहा -
- A. खाकी
- B. नागा
- C. खालसा
- D. उत्तरार्द्ध
Answer: खालसा उपशाखा दादू पंथ की मुख्य परंपरा का पालन करती है, जिसका केंद्र नारायणा में ही रहा, जहाँ दादूजी ने देह त्यागा था।
241. जाम्भोजी के अनुयायी किस रूप में जाने जाते है -
- A. रामस्नेही
- B. विश्नोई
- C. नाथ
- D. रेण
Answer: संत जांभोजी के अनुयायी उनके द्वारा दिए गए 29 (बीस+नौ) उपदेशों का पालन करते हैं, इसलिए वे विश्नोई कहलाते हैं।
242. महिला संत दयाबाई _____ की शिष्या थी।निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुने:
- A. संत राम दास
- B. संत राम चरण
- C. संत निर्भयांकर
- D. संत चरण दास
Answer: दयाबाई और सहजोबाई, दोनों ही महिला संत, संत चरण दास की प्रमुख शिष्या थीं।
243. परशुराम जी गौड़ ने किस सम्प्रदाय के विचारों के प्रचारार्थ ‘परशुराम-सागर’ नामक ग्रंथ की रचना की -
- A. गौड़ीय
- B. वल्लभ
- C. निम्बार्क
- D. वैष्णव
Answer: परशुराम देव ने सलेमाबाद में निम्बार्क पीठ की स्थापना की और 'परशुराम सागर' ग्रंथ के माध्यम से निम्बार्क सम्प्रदाय के विचारों का प्रचार किया।
244. मध्यकालीन मेवात के प्रसिद्ध संत थे -
- A. सुंदरदास
- B. चरणदास
- C. लालदास
- D. हरिरामदास
Answer: संत लालदास मध्यकाल में मेवात क्षेत्र (अलवर-भरतपुर) के सबसे प्रसिद्ध संत थे।
245. सलेमाबाद में निम्बार्क पीठ के संस्थापक निम्न में से कौन थे -
- A. हरिव्यास
- B. दामोदर
- C. विष्णु स्वामी
- D. परशुराम देव
Answer: निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रधान पीठ की स्थापना सलेमाबाद (अजमेर) में परशुराम देव द्वारा की गई थी।
246. संत हरिदास ............ सम्प्रदाय के संस्थापक थे।
- A. रामस्नेही
- B. निरंजनी
- C. अलखिया
- D. निम्बार्क
Answer: संत हरिदास ने निरंजनी सम्प्रदाय की स्थापना की, जो सगुण और निर्गुण भक्ति का मिश्रण है।
247. निम्नलिखित में से कौन सी रचना मीराबाई की है -
- A. सखी
- B. शबद
- C. बीजक
- D. पदावली
Answer: पदावली मीराबाई द्वारा रचित भक्ति पदों (गीतों) का संग्रह है। सखी, शबद और बीजक संत कबीर की रचनाएं हैं।
248. राजस्थान के किस जिले में जसनाथी सिद्धों के अग्नि नृत्य का उद्भव हुआ -
- A. जैसलमेर
- B. बीकानेर
- C. जोधपुर
- D. गंगानगर
Answer: जसनाथी सम्प्रदाय का प्रसिद्ध अग्नि नृत्य उनकी मुख्य पीठ कतरियासर में उत्पन्न हुआ, जो बीकानेर जिले में स्थित है।
249. ‘बाबू महाराज’ का मेला किस जिले में भरता है-
- A. करौली
- B. धौलपुर
- C. सवाईमाधोपुर
- D. भरतपुर
Answer: लोक देवता बाबू महाराज का मेला प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को धौलपुर जिले में लगता है।
250. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. संत जांभो जी विश्नोई सम्प्रदाय के संस्थापक हैं। 2. उन्होंने पहला प्रवचन समरथल, बीकानेर (राजस्थान) में दिया था।सही कथन का चयन कीजिए -
- A. केवल 1
- B. केवल 2
- C. 1 और 2 दोनों
- D. इनमें से कोई नहीं
Answer: दोनों कथन सत्य हैं। संत जांभोजी ने विश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना की और अपना पहला उपदेश बीकानेर के समराथल धोरा नामक स्थान पर दिया।