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राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय

Rajasthan Arts and Culture - राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय
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51. संत दरियावजी रामस्नेही संप्रदाय की किस शाखा के प्रवर्तक थे -
  • A. शाहपुरा
  • B. सिंहथल
  • C. रैण
  • D. खेडापा
Answer: संत दरियावजी ने रामस्नेही सम्प्रदाय की 'रैण' शाखा की स्थापना की थी, जिसकी प्रमुख पीठ मेड़ता (नागौर) के पास रैण गाँव में है।
52. निम्नलिखित में से कौन निरंजनी सम्प्रदाय के संस्थापक थे -
  • A. संत निरंजन नाथ
  • B. संत रामदास
  • C. संत रामचरण
  • D. संत हरिदास
Answer: संत हरिदास ने निरंजनी सम्प्रदाय की स्थापना की। उनकी प्रमुख पीठ गाढा (डीडवाना) में है।
53. सुंदर दास को किस नाम से भी जाना जाता है -
  • A. राजस्थान का शंकराचार्य
  • B. राजस्थान का कबीर
  • C. राजस्थान का नरसिंह
  • D. भक्ति का पहला संत
Answer: संत सुन्दरदास, दादूदयाल के शिष्य थे और बहुत बड़े विद्वान एवं ज्ञानी थे। उनके ज्ञान के कारण उन्हें 'दूसरा शंकराचार्य' या 'राजस्थान का शंकराचार्य' कहा जाता है।
54. मीराबाई का जन्म कहाँ हुआ था -
  • A. उदयपुर में
  • B. चित्तौड़गढ़ में
  • C. सलुम्बर में
  • D. कुड़की में
Answer: मीराबाई का जन्म पाली जिले के कुड़की गाँव में हुआ था, जो उस समय मेड़ता रियासत का हिस्सा था।
55. निम्नलिखित में से कौन दादूपंथी उप-संप्रदाय नहीं है -
  • A. खालसा
  • B. नाग
  • C. खाकी
  • D. चंडाल
Answer: खालसा, नाग, और खाकी दादू पंथ की प्रमुख शाखाएँ हैं। चंडाल दादू पंथ की कोई शाखा नहीं है।
56. खालसा, विरक्त, उत्तरादे, खाकी, नागा आदि किस पंथ की शाखाएँ हैं - (निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें)
  • A. मीरा पंथ
  • B. सिक्ख पंथ
  • C. रामदेव पंथ
  • D. दादू पंथ
Answer: ये सभी दादू पंथ की पांच प्रमुख उप-शाखाएं या उप-संप्रदाय हैं, जिन्हें दादूदयाल के अलग-अलग शिष्यों ने शुरू किया था।
57. सन्त पीपा के अनुसार मोक्ष का प्रमुख साधन था –
  • A. मूर्ति पूजा
  • B. भक्ति
  • C. तपस्या
  • D. यज्ञ
Answer: संत पीपा ने ज्ञान और योग से ऊपर भक्ति को स्थान दिया और इसे ही मोक्ष का सबसे सरल और प्रमुख साधन बताया।
58. राजस्थान का ग्रामीण विश्नोई सम्प्रदाय किस लोक-देवता का अनुयायी है-
  • A. जांभोजी
  • B. पाबूजी
  • C. जसनाथ जी
  • D. हड़बूजी
Answer: विश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना संत जाम्भोजी ने की थी और इस सम्प्रदाय के लोग उनके द्वारा दिए गए 29 नियमों का पालन करते हैं।
59. जिस समाज सुधारक ने अपने शिष्यों से उन्तीस नियमों का पालन करने हेतु जोर दिया-
  • A. पीपा जी
  • B. जम्भो जी
  • C. दादूदयाल जी
  • D. जसनाथ जी
Answer: संत जाम्भोजी ने अपने अनुयायियों के लिए 29 (बीस + नौ) नियम बनाए थे, इसी कारण उनके अनुयायी 'बिश्नोई' कहलाए।
60. निम्नलिखित में से कौन-सा नृत्य जसनाथी संप्रदाय के अनुयायीयों द्वारा किया जाता है -
  • A. अग्नि नृत्य
  • B. घूमर नृत्य
  • C. बम नृत्य
  • D. ढोल नृत्यय
Answer: जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायी धधकते अंगारों पर 'अग्नि नृत्य' करते हैं। यह नृत्य उनकी भक्ति और साधना का एक अनूठा रूप है।
61. कामडिया पंथ के संस्थापक कौन थे -
  • A. संत पीपा
  • B. संत धन्ना
  • C. संत लालदास
  • D. संत रामदेव
Answer: लोक देवता बाबा रामदेव ने कामड़िया पंथ की स्थापना की थी। इस पंथ के अनुयायी रामदेवजी के मेलों में तेरहताली नृत्य करते हैं।
62. बिश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक कौन थे -
  • A. रामदेवजी
  • B. जसनाथजी
  • C. दादूजी
  • D. जांभोजी
Answer: संत जांभोजी ने बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की थी, जो प्रकृति प्रेम और जीव रक्षा के लिए जाना जाता है।
63. राजस्थान के संत पीपा के गुरु कौन थे -
  • A. रामानुज
  • B. रामानन्द
  • C. रैदास
  • D. दादू
Answer: संत पीपा, जो गागरोन के राजा थे, संत रामानंद से बहुत प्रभावित हुए और उनके शिष्य बन गए।
64. सहजो बाई का संबंध किस संप्रदाय से है -
  • A. रामस्नेही
  • B. अलखदासी
  • C. लालदासी
  • D. चरणदासी
Answer: सहजोबाई और दयाबाई, दोनों ही संत चरणदास की शिष्या थीं और चरणदासी सम्प्रदाय से संबंधित थीं।
65. दादू पंथ के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है -
  • A. दादू-पंथ की प्रमुख पीठ नरेना(जयपुर) में स्थित है।
  • B. दादू-पंथी मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते हैं।
  • C. दादू-पंथी मृतकों के शव को जलाने में विश्वास करते हैं।
  • D. ‘खाकी’ दादू पंथ की एक शाखा है।
Answer: दादू-पंथी मृतकों के शव को न तो जलाते हैं और न ही दफनाते हैं, बल्कि वे शव को पशु-पक्षियों के खाने के लिए जंगल में छोड़ देते हैं।
66. राजस्थान का ‘उत्तर-तोताद्रि’ कहलाता है-
  • A. मण्डोर
  • B. बीकानेर
  • C. गलता
  • D. बणेश्वर
Answer: जयपुर स्थित गलता जी को 'उत्तर तोताद्रि' कहा जाता है क्योंकि यह रामानंदी संप्रदाय की एक महत्वपूर्ण पीठ है। इसे 'मंकी वैली' भी कहते हैं।
67. प्रसिद्ध सन्त सलीम रहते थे -
  • A. दिल्ली में
  • B. फतेहपुर सीकरी में
  • C. लाहौर में
  • D. आगरा में
Answer: प्रसिद्ध सूफी संत शेख सलीम चिश्ती, फतेहपुर सीकरी में रहते थे। मुगल बादशाह अकबर उनके अनुयायी थे।
68. सही युग्म सुम्मेलित कीजिए -अ. जसनाथजी 1. रेवासा(सीकर)ब. शीतला माता 2. चाकसू(जयपुर)स. जाम्भोजी 3. मुकाम(नोखा)द. जीण माता 4. कतारियासर(बीकानेर)
  • A. अ-4 ब-2 स-3 द-1
  • B. अ-1 ब-2 स-3 द-4
  • C. अ-2 ब-1 स-4 द-3
  • D. अ-3 ब-4 स-1 द-2
Answer: यह देवी-देवताओं और उनके प्रमुख पूजा स्थलों का सही मिलान है: जसनाथजी - कतरियासर, शीतला माता - चाकसू, जाम्भोजी - मुकाम, जीण माता - रेवासा।
69. निम्नलिखित में से कौन दादू दयाल जी का शिष्य नहीं है -
  • A. सुंदर दास जी
  • B. गरीबदास जी
  • C. रज्जब जी
  • D. लालदास जी
Answer: लालदास जी एक स्वयं संत थे और उन्होंने लालदासी सम्प्रदाय की स्थापना की थी। सुंदर दास जी, गरीबदास जी, और रज्जब जी, दादू दयाल के प्रमुख शिष्य थे।
70. सन्त मीराबाई का जन्म स्थान “कुडकी” वर्तमान में राजस्थान के किस जिले में स्थित है -
  • A. ब्यावर
  • B. राजसमंद
  • C. चित्तौड़गढ़
  • D. उदयपुर
Answer: पहले कुड़की गाँव पाली जिले में आता था, लेकिन राजस्थान में नए जिलों के गठन के बाद यह अब ब्यावर जिले का हिस्सा है।
71. संत पीपा के बचपन का नाम क्या था -
  • A. प्रतापसिंह
  • B. प्रहलाद
  • C. संत कुमार
  • D. जोरावर सिंह
Answer: संत बनने से पहले संत पीपा गागरोन के खींची राजपूत शासक थे और उनका नाम प्रतापसिंह था।
72. राजस्थान में ‘तेरह पंथ’ के प्रवर्तक रहे हैं-
  • A. धरणीवराह जी
  • B. श्रमणनाथ जी
  • C. जिनसेन जी
  • D. भीखण जी
Answer: आचार्य भीखणजी ने जैन धर्म की श्वेतांबर शाखा से अलग होकर तेरापंथ की स्थापना की थी।
73. जसनाथ जी के उपदेश किस ग्रंथ में संग्रहित है-
  • A. सिंभूदड़ा
  • B. भक्तिसागर
  • C. जम्भसागर
  • D. ज्ञान सागर
Answer: 'सिंभूदड़ा' और 'कोंडा' जसनाथी सम्प्रदाय के प्रमुख ग्रंथ हैं, जिनमें संत जसनाथ जी के उपदेशों का संग्रह है।
74. ‘सबदवाणी’ किसके वचनों का सामूहिक नाम है -
  • A. दादू
  • B. जसनाथजी
  • C. जाम्भोजी
  • D. मीरा
Answer: 'सबदवाणी' या 'जम्भवाणी' में संत जाम्भोजी के उपदेश और वचन संगृहीत हैं।
75. जहां दादू ने अपना अंतिम समय बिताया था, उस स्थान का नाम था -
  • A. साम्भर
  • B. शाहपुरा
  • C. जयपुर
  • D. नारायणा
Answer: संत दादूदयाल ने अपने जीवन का अंतिम समय जयपुर के पास नारायणा गाँव में बिताया और यहीं पर उनकी प्रमुख गद्दी स्थित है।