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राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय

Rajasthan Arts and Culture - राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय
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76. ‘संत भूरी बाई अलख’ का कार्यक्षेत्र था -
  • A. मारवाड़
  • B. मेवाड़
  • C. वागड़
  • D. गोडवाड़
Answer: संत भूरी बाई मेवाड़ क्षेत्र की एक प्रसिद्ध संत थीं और उनका कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से मेवाड़ ही था।
77. निम्न में से कौन सा सम्प्रदाय संत मावजी के द्वारा स्थापित किया गया -
  • A. रामस्नेही सम्प्रदाय
  • B. निष्कलंकी सम्प्रदाय
  • C. रामानुज सम्प्रदाय
  • D. निरंजनी सम्प्रदाय
Answer: संत मावजी ने निष्कलंकी सम्प्रदाय की स्थापना की थी और उन्हें भगवान विष्णु का कल्कि अवतार माना जाता है।
78. नवल संप्रदाय की मुख्य पीठ स्थित है –
  • A. शाहपुरा में
  • B. साबला में
  • C. जोधपुर में
  • D. रेण में ‘टड्डा’
Answer: संत नवलदास द्वारा स्थापित नवल सम्प्रदाय की मुख्य पीठ जोधपुर में है।
79. ‘संत गुण सागर’ व ‘नाम-माला’ किस संत द्वारा रचित है -
  • A. धन्ना
  • B. दादू
  • C. पीपा
  • D. मीरा
Answer: ये दोनों ग्रंथ संत दादूदयाल की प्रमुख रचनाएं हैं, जिनमें उनके भक्तिपूर्ण पद और उपदेश शामिल हैं।
80. ‘सन्यासियों के सुल्तान’ के नाम से किसे जाना जाता है -
  • A. हमीद्-उद्-दीन नागौरी
  • B. गुल्हाम खां
  • C. ख्याजा मुईनुद्दीन चिश्ती
  • D. पीर हाजी निजामुद्दीन
Answer: शेख हमीदुद्दीन नागौरी बहुत ही सादा जीवन जीते थे, इसी कारण ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने उन्हें 'सुल्तान-उल-तारीकीन' (सन्यासियों के सुल्तान) की उपाधि दी थी।
81. 18वीं शताब्दी में राजस्थान में रेण, शाहपुरा, सिंथल, खेडापा किस संप्रदाय के चार प्रमुख केन्द्र थे -
  • A. मीरादासी संप्रदाय
  • B. रामस्नेही संप्रदाय
  • C. दादू पंथ
  • D. रामदासी संप्रदाय
Answer: ये चारों स्थान रामस्नेही सम्प्रदाय की चार प्रमुख पीठें (शाखाएं) हैं, जिनकी स्थापना अलग-अलग संतों ने की थी।
82. ‘धोलीदूब’ ग्राम किस सम्प्रदाय से सम्बन्धित है -
  • A. जसनाथी
  • B. दरियापंथी
  • C. दादूपंथी
  • D. लालदासी
Answer: संत लालदास का जन्म अलवर के धोलीदूब गाँव में हुआ था। इसलिए यह स्थान लालदासी सम्प्रदाय के लिए महत्वपूर्ण है।
83. परणमी संम्प्रदाय के उपदेश किस ग्रंथ में संग्रहित है -
  • A. कुजलम स्वरूप
  • B. पालन स्वरूप
  • C. वाणी
  • D. शब्दवाणी
Answer: 'कुजलम स्वरूप' परनामी सम्प्रदाय का मुख्य और सबसे पवित्र ग्रंथ है, जिसमें इसके संस्थापक संत प्राणनाथ जी के उपदेश हैं।
84. निम्नलिखित में से कौन सा (सम्प्रदाय-प्रमुख मंदिर/पीठ) असंगत युग्म है
  • A. अलखिया सम्प्रदाय - बिलाड़ा (जोधपुर)
  • B. निरंजनी सम्प्रदाय - गाढा गांव (डीडवाना)
  • C. लालदासी सम्प्रदाय - धोलीदूब (अलवर)
  • D. गूदड़ सम्प्रदाय - दाँतड़ा (भीलवाड़ा)
Answer: अलखिया सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ बीकानेर में है, न कि बिलाड़ा में। अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
85. सन्त जांभोजी का जन्म स्थान कौनसे जिले में है -
  • A. नागौर
  • B. बीकानेर
  • C. चूरू
  • D. जैसलमेर
Answer: संत जाम्भोजी का जन्म नागौर जिले के पीपासर गाँव में हुआ था।
86. संत चरणदास राजस्थान के किस जिले से संबंधित हैं -
  • A. अलवर
  • B. जयपुर
  • C. भीलवाड़ा
  • D. बूंदी
Answer: संत चरणदास का जन्म अलवर जिले के डेहरा गाँव में हुआ था, इसलिए वे अलवर से संबंधित हैं।
87. दादु दयाल के निधन के पश्चात् दादुपंथ का उत्तराधिकारी किसे नियुक्त किया गया था -
  • A. मिस्किन दास
  • B. गरीब दास
  • C. रज्जब
  • D. नारायण दास
Answer: संत दादूदयाल के निधन के बाद, उनके पुत्र गरीब दास जी को दादूपंथ का उत्तराधिकारी बनाया गया था।
88. किस सन्त ने मुस्लिम आक्रमणकारी नादिरशाह के आक्रमण की पहले से भविष्यवाणी की थी -
  • A. संत सुंदरदास
  • B. संत हरिदास
  • C. संत लालदास
  • D. संत चरणदास
Answer: संत चरणदास ने दिल्ली पर होने वाले नादिरशाह के आक्रमण की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी, जो बाद में सच साबित हुई।
89. राजस्थान में, कृष्ण को समर्पित वैष्णव संप्रदाय का ‘द्वारकाधीश’ नाम से प्रसिद्ध मुख्य पीठ कहाँ है -
  • A. नाथद्वारा
  • B. कांकरोली
  • C. सलेमाबाद
  • D. करौली
Answer: वल्लभ सम्प्रदाय की द्वारकाधीश जी की प्रसिद्ध पीठ राजसमंद के कांकरोली में स्थित है।
90. निम्नलिखित में से कौन-से सूफी संत नहीं है -निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
  • A. ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती
  • B. दादू दयाल
  • C. अमीर खुसरो
  • D. बाबा फरीद
Answer: ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, अमीर खुसरो, और बाबा फरीद प्रसिद्ध सूफी संत हैं, जबकि दादू दयाल भक्ति आंदोलन के एक संत थे और उन्होंने दादू पंथ की स्थापना की।
91. दादू पंथ की प्रमुख पीठ स्थित है -
  • A. नरैना
  • B. मण्डोर
  • C. करौली
  • D. आमेर
Answer: दादू पंथ की प्रमुख पीठ (गद्दी) जयपुर के पास नरैना (नारायणा) में है, जहाँ संत दादू ने अपना अंतिम समय बिताया था।
92. किण संप्रदाय रा अनुयायी उभाणै पगां अंगारां माथै निरत कर्या करे -
  • A. लालदासी सम्प्रदाय
  • B. रसिक सम्प्रदाय
  • C. जसनाथी सम्प्रदाय
  • D. गूदड़ पंथ
Answer: जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायी, जिन्हें सिद्ध कहा जाता है, धधकते अंगारों पर नंगे पैर नृत्य करते हैं, जिसे अग्नि नृत्य कहते हैं।
93. काजी हमीदुद्दीन सुहरावर्दी को किस स्थान पर सर्वप्रथम काजी बनाया गया था -
  • A. नागौर
  • B. अजमेर
  • C. बयाना
  • D. खाटू
Answer: काजी हमीदुद्दीन सुहरावर्दी को सबसे पहले नागौर का काजी नियुक्त किया गया था।
94. ‘राजस्थान की राधा’ के नाम से किसे जाना जाता है -
  • A. गवरीबाई
  • B. रानाबाई
  • C. गंगाबाई
  • D. मीराबाई
Answer: कृष्ण के प्रति मीराबाई की अनन्य प्रेम और भक्ति की तुलना राधा से की जाती है, इसलिए उन्हें 'राजस्थान की राधा' कहा जाता है।
95. पशुपति सम्प्रदाय का संस्थापक कौन था -
  • A. लकुलीस
  • B. सलिम
  • C. कौशिक
  • D. रामचरण
Answer: लकुलीश को शैव धर्म के पाशुपत सम्प्रदाय का संस्थापक माना जाता है।
96. दादूपंथ की मुख्य गद्दी (गादी) ___ में स्थित है।
  • A. नरैना
  • B. गोगामेड़ी
  • C. सांभर
  • D. डीडवाना
Answer: दादूपंथ की मुख्य गद्दी जयपुर के निकट नरैना (नारायणा) में स्थित है।
97. राजस्थान का तेरापंथी सम्प्रदाय निम्नलिखित में से किससे सम्बंधित है -
  • A. शैव पंथी
  • B. बौद्ध धर्म
  • C. जैन धर्म
  • D. वैष्णव धर्म
Answer: तेरापंथ, जैन धर्म की श्वेतांबर शाखा का एक उप-संप्रदाय है, जिसकी स्थापना आचार्य भीखणजी ने की थी।
98. निम्नलिखित में से कौन सा वैष्णव संप्रदाय नहीं है -
  • A. निम्बार्क
  • B. वल्लभ
  • C. निष्कलंक
  • D. लालदासी
Answer: निम्बार्क, वल्लभ और निष्कलंक, ये सभी वैष्णव संप्रदाय हैं। लालदासी संप्रदाय एक निर्गुण भक्ति परंपरा है।
99. निम्नलिखित में से कौन बिश्रोई सम्प्रदाय के प्रवर्तक हैं -
  • A. जम्भेश्वरजी
  • B. हरीदास
  • C. सूरत गोपाल
  • D. महव मनोहरजी
Answer: संत जाम्भोजी को जम्भेश्वरजी के नाम से भी जाना जाता है, और उन्होंने ही बिश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना की थी।
100. मुकाम प्रसिद्ध है -
  • A. जैनियों के लिए
  • B. बिश्नोइयों के लिए
  • C. सिक्खों के लिए
  • D. जसनाथियों के लिए
Answer: मुकाम (तालवा), बीकानेर में स्थित है और यह बिश्नोई सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है, क्योंकि यहीं पर संत जाम्भोजी ने समाधि ली थी।